बिहार की राजधानी पटना में हाल ही में आयोजित सनातन महाकुंभ में हजारों की संख्या में श्रद्धालु और संत एकत्र हुए। इस आयोजन का उद्देश्य था सनातन धर्म की रक्षा, वैदिक संस्कृति का प्रचार और राष्ट्रवादी विचारधारा को मजबूती देना। इस मंच पर देशभर के साधु-संतों, कथावाचकों और धर्मगुरुओं ने हिस्सा लिया, लेकिन सबसे ज़्यादा ध्यान आकर्षित किया बाबा बागेश्वर धाम सरकार (पंडित धीरेंद्र शास्त्री) ने।
बाबा बागेश्वर का बड़ा बयान – “गजवा ए हिंद नहीं, भगवा हिंद चाहिए”
सनातन महाकुंभ में संबोधन के दौरान बाबा बागेश्वर ने बेहद सशक्त और साफ शब्दों में कहा,
“हमें गजवा-ए-हिंद नहीं, भगवा हिंद चाहिए।”
उनके इस बयान ने उपस्थित जनसमूह को उत्साह से भर दिया। बाबा ने कहा कि कुछ ताकतें भारत को तोड़ने और धर्मांतरण के माध्यम से इसकी पहचान को बदलने की साज़िश कर रही हैं, लेकिन सनातन धर्म के अनुयायी अब चुप नहीं बैठेंगे।

“सनातन को मिटाने की साजिश अब बर्दाश्त नहीं”
बाबा बागेश्वर ने अपने भाषण में कहा कि भारत हजारों सालों से सनातन धर्म की धरती रहा है और अब इसे किसी भी “गजवा ए हिंद” या कट्टरपंथी विचारधारा के तहत लाने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा –
“भारत का भविष्य भगवा है, यह गजवा नहीं हो सकता। यह राष्ट्र राम का है, रावण का नहीं।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि अब सनातन जाग रहा है, और अब हर घर में धर्म की मशाल जलानी होगी।
युवाओं से की अपील – “धर्म के लिए संगठित हो जाइए”
बाबा बागेश्वर ने मंच से युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि
“आज समय आ गया है कि सनातन के युवा आगे आएं और संगठित होकर धर्म, संस्कृति और राष्ट्र की रक्षा करें।”
उन्होंने कहा कि देश में जो लोग सनातन धर्म को “गाली” देते हैं, रामायण और श्रीराम पर सवाल उठाते हैं, उन्हें अब जवाब देना होगा – वो भी वैज्ञानिक, वैदिक और लोकतांत्रिक तरीके से।
‘सनातन को संविधान के दायरे में बचाना होगा’
बाबा बागेश्वर ने स्पष्ट किया कि वह किसी हिंसा या कट्टरता के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन धर्म की रक्षा के लिए वैधानिक, सामाजिक और लोकतांत्रिक संघर्ष जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान ने हमें धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार दिया है, और उसी आधार पर सनातन को मजबूती से स्थापित करना चाहिए।
विपक्ष ने किया विरोध, समर्थकों ने बताया “धर्म योद्धा”
जहां एक तरफ बाबा बागेश्वर के इस बयान को लेकर विपक्षी पार्टियों और सेक्युलर संगठनों ने विरोध दर्ज कराया, वहीं उनके समर्थकों ने इसे “धर्म की आवाज़” बताया। सोशल मीडिया पर “भगवा हिंद” हैशटैग ट्रेंड करने लगा और लाखों लोगों ने उनके भाषण की क्लिप को शेयर किया।
पटना महाकुंभ में जुटी अपार भीड़, माहौल हुआ धर्ममय
इस आयोजन में करीब 2 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे। मंच पर वैदिक मंत्रोच्चारण, धर्मसभा, कथा प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। हर ओर “जय श्री राम”, “हर हर महादेव” और “भारत माता की जय” के नारे गूंज रहे थे। बाबा बागेश्वर के अलावा अन्य प्रमुख संतों जैसे स्वामी रामदेव, यति नरसिंहानंद, जगद्गुरु रंभादेवी आदि ने भी धर्म और राष्ट्र पर विचार रखे।
निष्कर्ष – भारत का भविष्य क्या होगा, भगवा या गजवा?
बाबा बागेश्वर का यह बयान कि “गजवा ए हिंद नहीं, हमें भगवा हिंद चाहिए”, अब सिर्फ एक वाक्य नहीं, बल्कि एक जनजागरण का संदेश बन चुका है। यह बात साफ है कि देश में अब धर्म को लेकर सार्थक संवाद और सक्रियता दोनों बढ़ रही है।
सनातन महाकुंभ जैसे आयोजनों से यह स्पष्ट हो रहा है कि भारत की जनता अब अपनी संस्कृति, परंपरा और आस्था की रक्षा के लिए मुखर हो रही है।
जनता से सवाल:
क्या आप सहमत हैं बाबा बागेश्वर के इस बयान से? क्या भारत में भगवा हिंद का उदय होना चाहिए?
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