पटना शहर शुक्रवार की रात उस समय दहल गया जब मशहूर कारोबारी और मगध अस्पताल के मालिक गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना गांधी मैदान थाना क्षेत्र के पास घटी जब खेमका अपनी गाड़ी से उतर रहे थे। उसी वक्त बाइक पर सवार बदमाशों ने उन्हें टारगेट किया और सिर में गोली मार दी। गोली लगते ही खेमका ज़मीन पर गिर पड़े और कुछ ही मिनटों में उनकी मौत हो गई। इस घटना ने पूरे शहर में हड़कंप मचा दिया है।
खेमका परिवार पहले भी रह चुका है निशाने पर
यह पहली बार नहीं है जब खेमका परिवार को इस तरह निशाना बनाया गया है। साल 2018 में उनके बेटे गुंजन खेमका की भी हत्या कर दी गई थी। उस वक्त वे वैशाली में अपने कार्यालय जा रहे थे जब बदमाशों ने उन पर फायरिंग की थी। बेटे की हत्या का मामला आज तक पूरी तरह सुलझ नहीं पाया और अब पिता की हत्या ने पूरे परिवार को एक बार फिर गहरे सदमे में डाल दिया है।
हमलावरों ने बेहद योजनाबद्ध तरीके से दी वारदात को अंजाम
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि हमलावर पहले से घात लगाए बैठे थे। जैसे ही गोपाल खेमका अपनी SUV कार से नीचे उतरे, वैसे ही बाइक सवार दो युवक तेजी से पास आए और नज़दीक से गोली मार दी। यह हमला इतने पेशेवर तरीके से हुआ कि कोई उन्हें रोक भी नहीं पाया। हमला होते ही आसपास मौजूद लोग डर के मारे इधर-उधर भागने लगे और बदमाश मौके से फरार हो गए।
मौके पर पहुंची पुलिस और फॉरेंसिक टीम, जांच शुरू
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। घटनास्थल से एक खाली कारतूस और एक गोली बरामद की गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इलाके के सभी CCTV कैमरे खंगाले जा रहे हैं और अपराधियों की पहचान के लिए तकनीकी मदद ली जा रही है। पटना पुलिस की ओर से कहा गया है कि जल्द ही हत्यारों को गिरफ्तार किया जाएगा।
परिजनों और कारोबारियों ने जताई नाराजगी
गोपाल खेमका की हत्या के बाद उनके परिवार और पटना के कारोबारी वर्ग में गहरा आक्रोश है। परिजनों ने पुलिस पर देरी से पहुंचने का आरोप लगाया और कहा कि समय पर कार्रवाई होती तो शायद खेमका की जान बच सकती थी। व्यापारियों ने भी कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि शहर में व्यापारी अब खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की मांग की।
राजनेताओं की प्रतिक्रिया और सरकार पर दबाव
इस हत्याकांड पर राजनीति भी गर्मा गई है। पूर्व सांसद पप्पू यादव मौके पर पहुंचे और उन्होंने खुलकर सरकार और पुलिस प्रशासन की निंदा की। उनका कहना है कि बिहार में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और सरकार सिर्फ कागज़ी कार्रवाई कर रही है। इस तरह की घटनाएं राज्य में अपराध नियंत्रण के दावों की पोल खोल रही हैं। उन्होंने मांग की कि मामले की CBI जांच करवाई जाए ताकि असली अपराधी सामने आ सकें।
हत्या के पीछे की संभावित वजहें
पुलिस अभी हत्या के कारणों की पुष्टि नहीं कर पाई है, लेकिन शुरुआती जांच में व्यावसायिक दुश्मनी और ज़मीन विवाद के पहलुओं पर फोकस किया जा रहा है। चूंकि खेमका एक बड़े व्यवसायी थे और उनकी कई प्रॉपर्टी और निवेश थे, इसलिए यह आशंका है कि किसी व्यापारिक प्रतिद्वंद्वी या ज़मीन विवाद से जुड़ा गिरोह इस हत्या के पीछे हो सकता है।
बिहार की कानून व्यवस्था पर फिर उठे सवाल
इस सनसनीखेज वारदात ने बिहार की कानून व्यवस्था पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। राजधानी पटना में यदि एक मशहूर और प्रभावशाली कारोबारी की गोली मारकर हत्या हो सकती है, तो आम नागरिक खुद को कितना सुरक्षित महसूस करेगा? लगातार हो रही इस तरह की घटनाएं पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। विपक्षी दलों ने भी इस मामले को विधानसभा में उठाने की बात कही है।
जनता की सुरक्षा के लिए ठोस कदमों की जरूरत
इस घटना ने साफ कर दिया है कि बिहार में आमजन और व्यवसायियों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाना जरूरी है। सरकार को चाहिए कि वह ऐसे मामलों की निष्पक्ष और तेज़ जांच करे, साथ ही व्यापारिक वर्ग को विश्वास में लेकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करे। नहीं तो पटना जैसे शहर में कारोबार करना लोगों के लिए चुनौती बनता जाएगा।
निष्कर्ष
गोपाल खेमका की हत्या ने पूरे पटना को झकझोर दिया है। यह मामला न सिर्फ एक व्यक्ति की हत्या है, बल्कि पूरे कारोबारी वर्ग की सुरक्षा पर बड़ा सवाल बन गया है। प्रशासन और सरकार पर अब यह जिम्मेदारी है कि वह इस जघन्य अपराध के दोषियों को जल्द से जल्द सलाखों के पीछे पहुंचाए और यह साबित करे कि कानून का राज अब भी कायम है।