पहलगाम आतंकी हमले पर पीएम मोदी का तीखा बयान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2025 में पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को हुआ यह हमला केवल भारत की संप्रभुता और सुरक्षा पर नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता पर एक सीधा हमला है। मोदी ने ब्रिक्स देशों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का आह्वान किया।

आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आतंकवाद को 21वीं सदी का सबसे गंभीर खतरा बताया। उन्होंने कहा कि आज आतंकवाद केवल सीमा पार गतिविधियों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह वैश्विक सुरक्षा और मानव मूल्यों पर सीधा आघात करता है। भारत लगातार ऐसे हमलों का सामना कर रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय का मौन या समर्थन चिंता का विषय है।

Narendra Modi
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ब्रिक्स मंच से दिया गया सख्त संदेश

ब्राज़ील के रियो डी जनेरियो में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन में मोदी ने कहा कि इस प्रकार के आतंकी हमलों को कोई भी देश स्वीकार नहीं कर सकता। उन्होंने सभी ब्रिक्स देशों से अपील की कि आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई जाए। उन्होंने दोहराया कि आतंकवादी और उनके समर्थकों को एक ही नजरिए से देखा जाना चाहिए, चाहे उनका उद्देश्य कुछ भी हो।

दोहरे मापदंडों पर पीएम मोदी का करारा वार

पीएम मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आतंकवाद के मामले में कोई भी दोहरा रवैया स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने उन देशों को चेतावनी दी जो परोक्ष रूप से आतंक को समर्थन देते हैं। उनका कहना था कि ऐसे राष्ट्रों को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को इसके खिलाफ एकजुट होकर कदम उठाना चाहिए।

वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर बल

मोदी ने कहा कि दुनिया के सभी देशों को आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त प्रयास करने चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को इस दिशा में और सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। आतंकवाद के विरुद्ध एक वैश्विक नीति और कड़ी कार्रवाई समय की मांग है।

वैश्विक दक्षिण (Global South) की चिंताओं को उठाया

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने ग्लोबल साउथ यानी विकासशील देशों की समस्याओं को भी प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि ये देश अक्सर आतंकवाद और दोहरे मापदंडों का सबसे अधिक शिकार होते हैं। ऐसे में ब्रिक्स जैसी संस्थाएं इनकी आवाज बन सकती हैं और उन्हें न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभा सकती हैं।

गाजा और अन्य संघर्ष क्षेत्रों पर भारत की चिंता

ब्रिक्स मंच से पीएम मोदी ने गाजा और अन्य संघर्ष क्षेत्रों में हो रही हिंसा को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा शांति, संवाद और सह-अस्तित्व की वकालत करता है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई केवल हथियारों से नहीं, बल्कि विचारधारा और सहयोग से लड़ी जा सकती है।

ब्रिक्स का साझा बयान और भारत की भूमिका

ब्रिक्स सम्मेलन में जारी संयुक्त बयान में पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की गई। सभी सदस्य देशों ने एकमत से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का संकल्प लिया। भारत की पहल पर ब्रिक्स देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार की मांग का भी समर्थन किया, जिससे भारत की वैश्विक नेतृत्व की भूमिका और मजबूत हुई।

ब्रिक्स में भारत की कूटनीतिक सफलता

भारत ने इस सम्मेलन में न केवल आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन हासिल किया, बल्कि अपनी कूटनीतिक पकड़ को और मजबूत किया। UNSC सुधार, वैश्विक व्यापार संतुलन, और दक्षिणी देशों के लिए न्याय की मांग को प्रमुखता से उठाकर भारत ने खुद को एक सशक्त वैश्विक नेता के रूप में प्रस्तुत किया।

निष्कर्ष: एक मजबूत और स्पष्ट संदेश

पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पीएम मोदी का भाषण न केवल भारत की भावनाओं को उजागर करता है, बल्कि पूरे विश्व को यह संदेश देता है कि अब आतंकवाद के खिलाफ चुप नहीं बैठा जा सकता। ब्रिक्स मंच से दिया गया यह संदेश भारत की वैश्विक स्थिति को और भी मजबूती देता है, साथ ही यह उम्मीद भी जगाता है कि एकजुट होकर ही मानवता को इस संकट से बाहर निकाला जा सकता है।

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