बिहार सरकार चुनाव से पहले जनता को बड़ी राहत देने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में राज्य सरकार हर परिवार को 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने की योजना पर काम कर रही है। यह फैसला आने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए लिया जा सकता है, जिससे जनता को सीधा फायदा होगा और सत्तारूढ़ दल की छवि भी मजबूत हो सकेगी।
योजना का मकसद: आम जनता को सीधा लाभ
बिहार सरकार की इस प्रस्तावित योजना का उद्देश्य राज्य के हर घर तक सस्ती और सुलभ बिजली पहुंचाना है। अभी राज्य में कुछ श्रेणियों को बिजली सब्सिडी मिल रही है, लेकिन अब सरकार इसे सभी वर्गों तक विस्तारित करना चाहती है। यह योजना लागू होने पर हर उपभोक्ता को 100 यूनिट बिजली फ्री मिलेगी, जिसका सीधा फायदा गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को होगा।
वित्तीय भार और सब्सिडी की योजना
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस योजना पर सालाना हजारों करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके लिए राज्य बिजली विभाग और वित्त विभाग के अधिकारियों के बीच लगातार चर्चा जारी है। योजना को लेकर एक प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष जल्द ही रखा जा सकता है।

चुनावी रणनीति के तहत लिया गया फैसला?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह योजना स्पष्ट रूप से आगामी 2025 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है। बिजली जैसे मुद्दे पर राहत देना जनता को सीधे प्रभावित करता है। इससे सरकार की लोकप्रियता बढ़ सकती है और विपक्षी दलों को घेरने का भी मौका मिलेगा।
अन्य राज्यों से मिली प्रेरणा
बिहार सरकार की यह योजना दिल्ली और पंजाब में लागू फ्री बिजली स्कीम से प्रेरित मानी जा रही है। इन राज्यों में 100-200 यूनिट तक की मुफ्त बिजली योजना ने काफी सकारात्मक प्रभाव डाला है। अब नीतीश सरकार भी इसे बिहार में लागू कर अपनी विकासवादी और जनकल्याणकारी छवि को मजबूत करना चाहती है।
विपक्ष ने क्या कहा?
जहां एक ओर जनता में इस योजना को लेकर उत्साह देखा जा रहा है, वहीं विपक्षी दलों ने इसे चुनावी स्टंट करार दिया है। राजद और कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि नीतीश सरकार ने 18 साल में जो नहीं किया, वह अब चुनाव से पहले करने की कोशिश कर रही है।
जनता की प्रतिक्रिया
ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोगों ने इस संभावित योजना का स्वागत किया है। उपभोक्ताओं का कहना है कि अगर सरकार वास्तव में हर महीने 100 यूनिट बिजली मुफ्त देगी, तो यह घरेलू बजट में राहत देगा और बिजली चोरी की घटनाएं भी कम होंगी।
कब से लागू हो सकती है यह योजना?
अभी योजना पर औपचारिक मुहर नहीं लगी है, लेकिन सूत्रों की मानें तो यह योजना आगामी दो-तीन महीनों में लागू की जा सकती है, ताकि चुनाव से पहले जनता को इसका लाभ मिलने लगे। शुरुआत में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ जिलों में शुरू किया जा सकता है।
निष्कर्ष: चुनावी जंग में बिजली बनेगी बड़ा मुद्दा
बिहार सरकार की यह योजना, अगर लागू होती है, तो यह राज्य की अब तक की सबसे बड़ी बिजली सब्सिडी स्कीम बन सकती है। इससे एक ओर जहां आम आदमी को सीधी राहत मिलेगी, वहीं दूसरी ओर नीतीश सरकार अपनी विकासशील और जनसरोकार वाली छवि को और मजबूत कर सकेगी।
अब देखना यह होगा कि यह योजना केवल चुनावी घोषणा बनकर रह जाती है या फिर वास्तव में नीतीश सरकार इसे धरातल पर उतार पाती है।