पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ज़र्दारी ने एक भाषण में कहा है कि पाकिस्तान को हाल ही में जमात-उद-दावा (JeM) के सरगना मसूद अजहर की लोकेशन का पता नहीं है। उनका कहना है कि अगर भारत ऐसा कोई ठोस सबूत देता है कि अजहर पाकिस्तान में मौजूद है, तो वह “अरेस्ट करने को तैयार” हैं indiatoday.in।
ये बयान उन्होंने Al Jazeera के साथ बातचीत में दिए, जिसमें उन्होंने साफ-साफ कहा कि पाकिस्तान उसके खिलाफ कार्रवाई को तैयार है, बशर्ते भारत उसकी उपस्थिति का प्रमाण दे।
पाकिस्तान के पास मसूद अजहर का ठोस लोकेशन नहीं – भुट्टो का दावा
भुट्टो की टिप्पणियों से यह स्पष्ट हो गया कि पाकिस्तान के पास अजहर की लोकेशन के बारे में कोई विश्वसनीय जानकारी नहीं है। “हम उसे गिरफ्तार या पहचान नहीं पाए हैं, और हमें लगता है कि वह अफग़ानिस्तान में हो सकता है,” उन्होंने कहा ।
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि अफगान जिहाद में उसकी पृष्ठभूमि को देखकर यह लगता है कि उसके लिए पाकिस्तान में छुपना कठिन हो सकता है।
भारत-पाकिस्तान कॉउंटर-टेरर कोऑपरेशन के लिए तैयार – भुट्टो
बिलावल ने यह भी कहा कि पाकिस्तान दूसरी अंतर्राष्ट्रीय counter-terror एजेंसियों की तरह इंटरनेशनल को-ऑपरेशन के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि इस तरह की साझेदारी से ही न्यू यॉर्क, लंदन और पाकिस्तान में हमले रुकाए जा सके ।
उनका कहना था कि भारत और पाकिस्तान को भी ऐसी साझेदारी अपनानी चाहिए, ताकि मसूद अजहर जैसे आतंकियों को पकड़ने में मदद मिल सके।
हाफ़िज़ सईद अभी भी पुलिस कस्टडी में – भुट्टो ने दी सफाई
न्यू यॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफ़िज़ सईद आज़ाद घूम रहे हैं, लेकिन बिलावल ने इसे पूरी तरह से गलत बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सईद पाकिस्तानी सरकार की हिरासत में ही है ।

अफगानिस्तान की वापसी और अजहर का सुरक्षा
भुट्टो ने अफगानिस्तान को लेकर भी पाकिस्तान की सीमित भूमिका की ओर संकेत किया। उन्होंने कहा कि अगर अजहर वास्तव में अफगानिस्तान में है, तो पाकिस्तान के लिए उसे पकड़ना कठिन है, क्योंकि वह वही क्षेत्र अब तालिबान शासन की छाया में है। उन्होंने कहा कि “जहां NATO भी विफल रहा, वहां पाकिस्तान का कार्य करना मुश्किल है” ।
निष्कर्ष: पाकिस्तान का भारत को सहयोग का संकेत, लेकिन जुर्माने पर सवाल
बिलावल भुट्टो का यह बयान भारतीय राजनीति और विदेश नीति के लिए महत्वपूर्ण संदेश है। उन्होंने खुले तौर पर कहा कि पाकिस्तान भारत द्वारा प्रस्तुत सबूत मिलने पर कार्रवाई के लिए तैयार है। यह पहली बार है जब पाकिस्तानी नेतृत्व ने इतनी स्पष्टता से इस बात पर हामी भरी हो।
हालांकि असली मुद्दा यह है कि क्या भारत सचमुच ऐसी ठोस जानकारी देना चाहेगा? और अगर देगा भी, तो क्या पाकिस्तान उस पर कार्रवाई करेगा या फिर निष्कर्ष यही रहेगा कि राजनीतिक प्रताड़ना और विदेश नीति दोनों ही अब आगे का रास्ता तय करेगी।