झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने आम जनता को बड़ी राहत देते हुए बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा और सराहनीय निर्णय लिया है। अब राज्य के लाखों उपभोक्ताओं को हर महीने 200 यूनिट तक की बिजली बिलकुल मुफ्त मिलेगी। यह कदम राज्य में बिजली उपभोग करने वाले गरीब और मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।
किसे मिलेगा 200 यूनिट फ्री बिजली का लाभ?
झारखंड सरकार के इस नए फैसले के तहत वे घरेलू उपभोक्ता जिनकी मासिक खपत 200 यूनिट या उससे कम है, उन्हें हर महीने मुफ्त बिजली मिलेगी। इसका सीधा लाभ ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में रहने वाले सामान्य वर्ग के परिवारों को मिलेगा। सरकार का उद्देश्य उन लोगों को राहत पहुंचाना है जो अब तक महंगाई के चलते बिजली बिल भरने में मुश्किल का सामना कर रहे थे।
योजना की शुरुआत कब से होगी?
राज्य सरकार ने घोषणा की है कि यह नई बिजली सब्सिडी योजना अगस्त 2025 से लागू कर दी जाएगी। इसके तहत उपभोक्ताओं को अगली बिलिंग साइकल से ही फ्री यूनिट का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। इससे पहले सरकार ने सभी डिस्कॉम कंपनियों और बिजली विभाग को आदेश जारी कर दिए हैं कि वे इस योजना को सुचारू रूप से लागू करें।
कैसे मिलेगा इस योजना का लाभ?
200 यूनिट तक की मुफ्त बिजली पाने के लिए उपभोक्ताओं को किसी विशेष आवेदन की जरूरत नहीं होगी। यह सुविधा स्वतः लागू हो जाएगी, बशर्ते कि उनका मासिक उपयोग 200 यूनिट से कम हो। यदि उपभोक्ता 200 यूनिट से ज़्यादा बिजली खर्च करता है, तो केवल अतिरिक्त यूनिट पर ही उसे शुल्क देना होगा, 200 यूनिट तक का हिस्सा माफ रहेगा।
झारखंड सरकार का उद्देश्य क्या है?
सरकार का यह कदम राज्य में ऊर्जा की न्यायसंगत पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ी पहल है। सरकार ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में जहां आज भी बिजली की पहुंच सीमित है, वहां इस योजना से जागरूकता और उपभोग दोनों बढ़ेगा। साथ ही, सरकार का कहना है कि यह फैसला गरीबों को सशक्त बनाने, और ऊर्जा उपयोग को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
कितने उपभोक्ताओं को होगा फायदा?
बिजली विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में लगभग 55 लाख घरेलू उपभोक्ता हैं, जिनमें से करीब 30 लाख उपभोक्ता ऐसे हैं जो हर महीने 200 यूनिट से कम बिजली का उपयोग करते हैं। इस योजना से सीधे तौर पर इन 30 लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। इससे राज्य की बड़ी आबादी को आर्थिक राहत मिल सकती है।
राज्य सरकार पर पड़ेगा कितना वित्तीय भार?
हालांकि इस योजना से आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी, लेकिन इससे सरकार के खजाने पर सालाना लगभग ₹1,100 करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ेगा। इसके बावजूद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे जनहित में जरूरी बताते हुए कहा कि “हमारे राज्य के लोग हर सुविधा के हकदार हैं और ये हमारी जिम्मेदारी है कि उन्हें सस्ती और सुलभ बिजली उपलब्ध कराई जाए।”
विपक्ष की प्रतिक्रिया
सरकार के इस फैसले पर विपक्ष ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। जहां कुछ दलों ने इसे “लोकलुभावन नीति” कहा है, वहीं जनता के बीच इस फैसले को लेकर काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। आम उपभोक्ता इसे महंगाई से राहत का बड़ा जरिया मान रहे हैं।
योजना से जुड़े अन्य पहलू
सरकार इस योजना को लागू करने के साथ-साथ स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम, बिजली लाइन सुधार, और अत्यधिक बिलिंग की शिकायतों को भी गंभीरता से ले रही है। इस योजना के साथ अन्य सुधारात्मक योजनाओं को भी जल्द जोड़ा जा सकता है जिससे बिजली उपभोक्ताओं को लंबे समय तक फायदा मिले।
निष्कर्ष
झारखंड सरकार का 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने का यह फैसला सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से एक बड़ा कदम है। इससे न केवल गरीब और मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि बिजली उपभोग के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी। आने वाले समय में यदि इस योजना को प्रभावी तरीके से लागू किया गया, तो यह झारखंड के ऊर्जा क्षेत्र में एक नया इतिहास रच सकती है।