राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (PK) एक बार फिर बिहार की सियासत में गर्मी ला चुके हैं। हाल ही में उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और JDU को लेकर तीन ऐसी भविष्यवाणियां कर दी हैं, जिसने सियासी गलियारों में खलबली मचा दी है। सबसे बड़ा बयान उन्होंने यह दिया कि अगर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में JDU को 25 से ज़्यादा सीटें मिल गईं, तो वे राजनीति ही छोड़ देंगे।
आइए जानते हैं PK की वो तीन बड़ी भविष्यवाणियां, जिन पर पूरे बिहार की नजरें टिकी हैं।
भविष्यवाणी 1: JDU को 25 से ज़्यादा सीट नहीं मिलेंगी
प्रशांत किशोर ने साफ शब्दों में कहा है कि “अगर JDU को 25 से ज्यादा सीटें मिल गईं, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।” यह बयान ना सिर्फ साहसिक है, बल्कि नीतीश कुमार के राजनीतिक भविष्य पर सीधा सवाल खड़ा करता है। PK के अनुसार, जनता अब JDU से थक चुकी है और नीतीश कुमार की नीतियां अब प्रभावशाली नहीं रहीं।
उनका मानना है कि नीतीश कुमार ने बार-बार पाला बदल कर जनता का विश्वास खो दिया है। पहले बीजेपी, फिर महागठबंधन, फिर से बीजेपी — इस राजनीतिक लहरबाजी से लोगों में असंतोष फैला है।

भविष्यवाणी 2: नीतीश कुमार की छवि अब “विश्वासघाती” की बन चुकी है
PK ने अपने दूसरे बयान में कहा कि नीतीश कुमार अब जनता की नजरों में “विश्वासघाती” बन चुके हैं। बार-बार गठबंधन बदलने से उनकी विश्वसनीयता खत्म हो गई है। चाहे बीजेपी से दोस्ती हो या RJD के साथ सत्ता में वापसी — नीतीश कुमार पर अब किसी को भरोसा नहीं रहा।
प्रशांत किशोर का कहना है कि आज बिहार का युवा बदलाव चाहता है। वह पारंपरिक दलों से अलग हटकर नए विकल्प की तलाश में है। ऐसे में नीतीश कुमार का पुराना करिश्मा अब काम नहीं आने वाला।
भविष्यवाणी 3: बिहार में विकल्प की ज़रूरत और युवाओं की नई लहर
तीसरी और सबसे अहम बात जो PK ने कही वो यह कि बिहार में अब बदलाव की बयार चल रही है। उन्होंने कहा कि JDU और RJD जैसे दलों से लोग ऊब चुके हैं और अब वे एक नया राजनीतिक विकल्प चाहते हैं। उन्होंने दावा किया कि 2025 का विधानसभा चुनाव पूरी तरह से युवाओं का चुनाव होगा और पारंपरिक राजनीति को पीछे छोड़ देगा।
PK ने अपने जन सुराज अभियान के ज़रिए ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रियता बढ़ाई है। उनका दावा है कि उन्होंने हर जिले, हर पंचायत में जाकर जनता से सीधा संवाद किया है, और लोगों में जागरूकता और बदलाव की भूख है।
क्या PK की भविष्यवाणी सच होगी?
बिहार की राजनीति में PK को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने 2014 में मोदी लहर से लेकर 2015 में महागठबंधन की जीत तक — हर बड़े चुनावी समीकरण को गहराई से समझा है। अब जब वे खुद राजनीतिक मैदान में उतर चुके हैं, तो उनके बयान को हल्के में लेना मुश्किल है।
लेकिन क्या वाकई JDU सिर्फ 25 सीटों तक सिमट जाएगी? यह आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन इतना तय है कि PK की भविष्यवाणी ने बिहार की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है।
नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया: “वक़्त बताएगा कौन सही”
प्रशांत किशोर के बयान पर JDU की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया आई है। नीतीश कुमार ने कहा, “वक़्त ही बताएगा कि कौन सही है और कौन ग़लत। हमने जो किया है बिहार के लिए किया है और जनता सब जानती है।”
JDU नेताओं ने PK को राजनीतिक नौसिखिया बताते हुए कहा कि “बयानबाज़ी करने से कोई नेता नहीं बनता।”
जनता की राय: “बदलाव चाहिए लेकिन विकल्प भी मजबूत हो”
ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरों तक, लोगों में बदलाव की मांग तो है, लेकिन वे यह भी देख रहे हैं कि विकल्प कितना मजबूत है। PK की साफ़ छवि और विकास की बातों को सराहा जा रहा है, लेकिन अब तक उनकी पार्टी की स्पष्ट नीति और चेहरे सामने नहीं आए हैं। बिहार की जनता 2025 में किसे मौका देती है, ये देखने वाली बात होगी।
निष्कर्ष: बिहार की राजनीति में तूफान से पहले की शांति?
TECNO POVA 6 NEO 5G (Midnight Shadow, 8GB+256GB) जैसे मोबाइल फोन के फीचर्स जितने क्लियर होते हैं, राजनीति में तस्वीर उतनी ही धुंधली होती है। PK की भविष्यवाणियां बिहार में बहस को गर्म कर चुकी हैं, लेकिन असली फैसला जनता के हाथ में है।
2025 का चुनाव नीतीश कुमार के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा और PK के लिए आत्मसम्मान का मुद्दा। अगर उनकी बात सही साबित होती है, तो बिहार में राजनीति की नई परिभाषा लिखी जाएगी।
क्या आप भी मानते हैं कि JDU 25 सीटें भी नहीं जीत पाएगी? अपनी राय नीचे कमेंट में जरूर दें!
अगर आप चाहें तो इस आर्टिकल का summary, meta description, या Google Featured Snippet टाइप कंटेंट भी मैं तैयार कर सकता हूं।
बताएं, क्या बनाना है आगे?